SC/ST किसानों के लिए विशेष लाभ: मछली पालन में 59 लाख तक की सब्सिडी का ऐलान

हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों और मछली पालकों के लिए एक बड़ी सौगात पेश की है। राज्य सरकार ने मछली पालन (फिशरीज़) को बढ़ावा देने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से एक नई सब्सिडी योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत मछली पालकों को लगभग 80% तक की वित्तीय सहायता दी जा रही है। राज्य सरकार ने इसके लिए एक बड़ा बजट तैयार किया है, जिससे इस क्षेत्र में किसानों को आर्थिक सहयोग मिल सके और वे मछली पालन के जरिए अपनी आय में वृद्धि कर सकें।
छोटे तालाबों का निर्माण करने के लिए वित्तीय मदद
इस योजना के तहत, छोटे किसानों और मछली पालकों को छोटे तालाबों का निर्माण करने के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है। जो किसान मछली पालन शुरू करना चाहते हैं, वे राज्य से मिलने वाली इस सब्सिडी का लाभ लेकर 500 वर्ग मीटर तक के तालाब का निर्माण कर सकते हैं। तालाब बनाने की लागत का 80% हिस्सा राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में प्रदान किया जाएगा, जिसमें अधिकतम 9.92 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता शामिल है। इस सहायता राशि का उद्देश्य किसानों को मछली पालन के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि वे इस व्यवसाय से अधिक लाभ कमा सकें।
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अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसानों को अतिरिक्त लाभ
राज्य सरकार ने इस योजना में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के किसानों को भी प्राथमिकता दी है। इन वर्गों के किसानों के लिए विशेष रूप से 6 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में तालाबों का निर्माण करने के लिए 59.52 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि प्रदान की जाएगी। इससे राज्य के इन वर्गों के किसानों को अधिक वित्तीय सहयोग मिलेगा और वे इस व्यवसाय में सशक्त होकर आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
किन जिलों में योजना लागू की गई है?
फिलहाल यह योजना हिमाचल प्रदेश के आठ जिलों के किसानों के लिए उपलब्ध है। इन जिलों में सिरमौर, कांगड़ा, मंडी, बिलासपुर, ऊना, चंबा, सोलन, और हमीरपुर शामिल हैं। इन जिलों के किसानों को सब्सिडी का लाभ मिलेगा, जिससे वे मछली पालन के लिए आवश्यक तालाब का निर्माण कर सकते हैं और अपनी आजीविका को सुदृढ़ बना सकते हैं। इसके साथ ही, तालाबों में विभिन्न प्रकार की मछलियों की प्रजातियों जैसे कतला, रोहू, कॉमन कार्प, और मृगल का पालन कर सकते हैं, जिनकी बाजार में अच्छी मांग रहती है। इन मछलियों का पालन कर किसान अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं।
मछली पालन सब्सिडी योजना का उद्देश्य
हिमाचल प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि राज्य के किसान पारंपरिक खेती के अलावा मछली पालन जैसे विकल्पों से भी अपनी आय को बढ़ा सकें। मछली पालन एक ऐसा व्यवसाय है, जो कम लागत में शुरू किया जा सकता है और इसमें निरंतर आय प्राप्त होने की संभावना भी होती है। राज्य सरकार द्वारा इस क्षेत्र में सब्सिडी प्रदान करने से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा और उन्हें नए व्यवसाय की शुरुआत करने में सहायता मिलेगी।
कैसे करें इस योजना के लिए आवेदन?
केवल हिमाचल प्रदेश के किसान ही इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपने निकटतम कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि विभाग, या संबंधित कृषि अधिकारियों से संपर्क करना होगा। यहां उन्हें योजना से संबंधित आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेजों के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त होगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को कुछ दस्तावेज जैसे पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, बैंक खाते की जानकारी आदि की जरूरत होगी।
इस योजना के माध्यम से हिमाचल प्रदेश सरकार न केवल राज्य के किसानों को आर्थिक सहयोग प्रदान कर रही है, बल्कि मछली पालन को बढ़ावा देकर राज्य की अर्थव्यवस्था में भी योगदान कर रही है।