Masik Shivratri 2024: नवंबर में कब है मासिक शिवरात्रि, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

मासिक शिवरात्रि का व्रत भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और भक्ति को प्रकट करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। यह व्रत विशेष रूप से भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति पाने के लिए किया जाता है। मासिक शिवरात्रि का व्रत शिव भक्तों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है, और इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन विशेष रूप से व्रत रखने से जीवन में खुशहाली और सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
मासिक शिवरात्रि 2024: तारीख और शुभ मुहूर्त
2024 में मासिक शिवरात्रि का व्रत नवंबर के महीने में 29 नवंबर को पड़ रहा है। यह व्रत मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को होगा। यह व्रत विशेष रूप से अविवाहित महिलाओं द्वारा अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए और विवाहित महिलाओं द्वारा अपने दांपत्य जीवन में सुख-शांति बनाए रखने के लिए किया जाता है।
मार्गशीर्ष माह की मासिक शिवरात्रि के व्रत का समय सुबह 08:39 बजे से शुरू होगा और 30 नवंबर 2024 को समापन होगा। विशेष रूप से इस दिन की पूजा रात 11:41 से लेकर 12:35 बजे तक की जाएगी। यह समय शिव पूजा के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है। इस समय में पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।
मासिक शिवरात्रि व्रत का महत्व
मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी कठिनाइयाँ समाप्त हो जाती हैं। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए शुभ होता है जो दांपत्य जीवन में खुशियाँ चाहते हैं या अविवाहित हैं और उन्हें विवाह में कोई बाधा आ रही हो। शिव भक्तों का विश्वास है कि इस व्रत को करने से भगवान शिव उनके सारे कष्टों को दूर कर देते हैं और उनके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। आर्थिक परेशानियाँ दूर होती हैं और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
मासिक शिवरात्रि पूजा विधि
मासिक शिवरात्रि का व्रत करने के लिए कुछ विशेष पूजा विधियाँ हैं, जिन्हें श्रद्धा और विश्वास के साथ पालन करना चाहिए। पूजा विधि इस प्रकार है:
प्रात:काल उठकर स्नान करें: व्रत के दिन सबसे पहले प्रात:काल उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
व्रत का संकल्प लें: व्रत का संकल्प लेकर मन में पूर्ण श्रद्धा के साथ पूजा करने का प्रण लें।
मंदिर की सफाई करें: यदि मंदिर में पूजा कर रहे हैं तो सबसे पहले मंदिर की सफाई करें और गंगाजल छिड़ककर उसे शुद्ध करें।
शिवलिंग स्थापना: फिर शिवलिंग या भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें।
अर्पण करें: शिवलिंग पर गंगाजल, बेलपत्र, फूल, धूप-दीप और भोग अर्पित करें।
दीया जलाएं: महादेव के सामने घी या तेल का दीपक जलाएं। यह दीपक पूजा के दौरान पूरी रात जलता रहे, इस पर विशेष ध्यान दें।
चालीसा और आरती का पाठ करें: शिव चालीसा का पाठ करें और बाद में भगवान शिव की आरती करें।
मंत्रों का जप करें: पूजा के बाद, शिव मंत्रों का जप करें, जैसे “ॐ नमः शिवाय”, जिससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
यह भी पढ़े।
- गुरु दोष से मिलेगी मुक्ति! भगवान विष्णु को इस दिन जरूर चढ़ाएं नारियल
- Vastu Tips: उधारी में कभी न पहनें घड़ी, कपड़े और जूते-चप्पल, जानिए इसके पीछे की वजह
- Flax Seeds का जादुई जेल, रूखे बालों को बनाएं सॉफ्ट और शाइनी
- Winter Diet में इन तरीकों से करें कच्ची हल्दी को शामिल, सेहत को भी मिलेंगे भरपूर फायदे
- भारतीय बाजार में 7-सीटर कारों की बिक्री: महिंद्रा स्कॉर्पियो का जलवा, लेकिन मारुति सुजुकी अर्टिगा ने मारी बाजी